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गुरुवार, अप्रैल 21, 2011

नकारात्‍मक ऊर्जा उत्‍पन्‍न न होने दें!




    हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग रहते हैं, जो सदैव निराश रहते हैं। उनकी सोच नकारात्‍मक है और आपको भी निरुत्‍साहित करते हैं। ऐसे लोगों की संगत में न रहें या उनसे मिलन-जुलना छोड़ दें।
    नकारात्‍मक सोच रखने वाले अपने जीवन में चाहे कितने भी सफल क्‍यों न हों, आपको कभी सही मार्ग नहीं दिखा सकते।
    नकारात्‍मक सोच या चिन्‍तन करने वाले लोगों के साथ रहने पर आपकी सोच भी नकारात्‍मक हो जाएगी और अन्‍दर नकारात्‍मक ऊर्जा उत्‍पन्‍न हो जाएगी, जोकि आपके लिए घातक है। नकारात्‍मक सोच रखने वाले लोगों से कदापि न मिलें और गलती से भेंट हो भी जाए तो उनके कथन या बातों को गम्‍भीरता से न लें, उन्‍हें भूल जाना ही बेहतर है।
    यदि जीवन में निराशा है तो उस पर ध्‍यान केन्द्रित करने की अपेक्षा उसे दूर करने के प्रयासों या उपायों पर ध्‍यान लगाएं।
    ऐसे लोगों की संगत में रहें जो सच में आपका भला चाहते हैं और आपके हितैषी हैं।
    सही मायने में अपने आसपास ऐसे लोगों या मित्रों की संख्‍या बढ़ाएं जो सकारात्‍मक सोच रखते हों या आपका हौसला बढ़ाते हों और आप उनपर भरोसा या विश्‍वास कायम कर सकें। दूजों की सकारात्‍मक प्रेरणा जीवन को सही दिशा देती है और जीवन लक्ष्‍य के साथ-साथ उन्‍नति पथ प्रशस्‍त होता है।

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