नए रूप रंग के साथ अपने प्रिय ब्‍लॉग पर आप सबका हार्दिक स्‍वागत है !

ताज़ा प्रविष्ठियां

संकल्प एवं स्वागत्

ज्योतिष निकेतन संदेश ब्लॉग जीवन को सार्थक बनाने हेतु आपके लिए समर्पित हैं। आप इसके पाठक हैं, इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे। हमें विश्‍वास है कि आप सब ज्योतिष, हस्तरेखा, अंक ज्योतिष, वास्तु, अध्यात्म सन्देश, योग, तंत्र, राशिफल, स्वास्थ चर्चा, भाषा ज्ञान, पूजा, व्रत-पर्व विवेचन, बोधकथा, मनन सूत्र, वेद गंगाजल, अनुभूत ज्ञान सूत्र, कार्टून और बहुत कुछ सार्थक ज्ञान को पाने के लिए इस ब्‍लॉग पर आते हैं। ज्ञान ही सच्चा मित्र है और कठिन परिस्थितियों में से बाहर निकाल लेने में समर्थ है। अत: निरन्‍तर ब्‍लॉग पर आईए और अपनी टिप्‍पणी दीजिए। आपकी टिप्‍पणी ही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है।
अनुभूत ज्ञान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अनुभूत ज्ञान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, जनवरी 11, 2018

हनुमान जी को सिन्‍दूर क्‍यों चढ़ाया जाता है

      
आज बृहस्‍पति वार है और प्रत्‍येक बृहस्‍पति वार को वेद, उपनिषद और पुराणों की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में यह बताने का प्रयास करेंगे कि हनुमान जी को सिन्‍दूर क्‍यों चढ़ाया जाता है। यदि अभी तक आपने हमारे चैनल को सबस्‍क्राईब नहीं किया है तो अवश्‍य करें और नयी ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्‍पद् और मनोरंजक वीडियो की जानकारी पाएं।
Share, Support, Subscribe!!!
Subscribe: https://goo.gl/Yy88SP

गुरुवार, अप्रैल 29, 2010

सफलता दिलाने वाले उपाय -पं.चैतन्य

सफलता पाने के लिए सभी प्रयास रत हैं। ऐसा कौन है जोकि सफलता नहीं चाहता है। सफलता किसी को आसानी से मिल जाती है और कोई जीवन पर्यन्त प्रयास करने के बाद भी मनचाही सफलता नहीं पा पाता है। आप भी परेशान हैं तो आपको सफलता मिले व बाधाएं दूर हों इसलिए कुछ सफलता दिलाने वाले और बाधा दूर करने वाले अनुभूत उपाय यहां बता रहे हैं जिनको करके आप लाभ उठा सकते हैं। बिना शंका के पूर्ण विश्वास के साथ किए गए ये उपाय अचूक हैं। 


उपाय एक-1-
कोई भी रोग से परेशान है और आपको लगता है कि उस पर यह सब नजर के कारण है। शनिवार के दिन एक नींबू लेकर रोगी के ऊपर से सात बार उलटा घुमाकर उतारें। एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करके नींबू के मध्य में से दो भाग कर दें। बाद में दोनों टुकड़ों को दक्षिण दिशा में संध्याकाल में फेंक दें।
उपाय दो-2-
आप चाहते हैं कि आपके बच्चे के अच्छे अंक आएं। ऐसे में आपको चाहिए किसी अन्धे बच्चे या लड़की को निज पुत्र या पुत्री मानकर पुस्तकों, वस्त्र या फीस की सहायता प्रदान करें। ऐसा करने से आपकी सन्तान के परीक्षा में अच्छे अंक आएंगे।
उपाय तीन-3-
यदि आप शनि ग्रह से परेशान हैं और उसी के कारण आपका कोई कार्य नहीं बन रहा है। आप तनाव में रहने लगे हैं और  बाधा के बिना कोई कार्य होता ही नहीं है। ऐसे में आपको चाहिए कि सात शनिवार तक बिना नागा उड़द की दाल के चार बड़े सिर से तीर बार उल्टा वारकर कौओं को खिलाएं। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ कोई नागा नहीं होने पर तुरन्त फल मिलता है और समस्त शनि बाधाएं दूर होती हैं। 
उपाय चार-4-
यदि आप धनलाभ चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप किसी भी शुक्लपक्ष के शुक्रवार को किसी अन्धविद्यालय के 27 बच्चों को खीर खिलाएं। यदि आपने ऐसा किया तो आपको धनलाभ अवश्य होगा। 
उपाय पांच-5-
मनोवांछित स्थानान्तरण के लिए आपको चाहिए कि तांबे के बर्तन में जल, रौली, चावल, गुड़ का टुकड़ा एवं 22 लाल मिर्च के बीज डालकर सूर्य देव को ओम्‌ घृणि सूर्याय नमः मन्त्र का जाप छह बार करते हुए चढ़ाएं। यह बिना नागा 22दिन तक करेंगे तो मनोकांक्षा पूर्ण होगी। 
उपाय छह-6-
आप मनोवांछित वर या कन्या चाहते हैं तो आपको चाहिए कि इस प्रयोग को करें। पांच मीठे पान अत्यन्त श्रद्धा सहित बनवाकर पहला पान गणेश जी को चढ़ाएं, दूसरा पान माता पार्वती जी को चढ़ाएं, तीसरा पान कार्तिकेय जी को चढ़ाएं, चौथा पान नंदी जी को चढ़ाएं एवं आखिरी पांचवा पान शिवलिंग पर चढ़ाकर माथा टेक दें तथा मन से अपनी मनोकांक्षा शिवजी को बताएं। ऐसा पांच सोमवार को बिना नागा करें। आपकी मनोकांक्षा अवश्य पूरी होगी। 
उपाय सात-7-
आप पढ़ाई में निर्बल हैं और चाहकर भी आपके अच्छे अंक नहीं आते हैं तो आपको चाहिए कि मोर मुकुट का चांदा अपनी पुस्तकों में रखें। अध्ययन कक्ष में ईशान दिशा में एक बांसुरी लटकाएं और उस पर रोली या सिन्दूर से ओम्‌ नमो भगवते वासुदेवाय लिखें। ऐसा करने से आपके अच्छे अंक आ जाएंगे क्योंकि अब आप पढ़ाई में निर्बल नहीं रहेंगे।
उपाय आठ-8-
आप विवाह की बाधा दूर करके मनचाहा करना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि केले की जड़ का टुकड़ा एकादशी तिथि को ओम्‌ नमो भगवते वासुदेवाय 108 बार बोलकर ताबीज बनाकर गले में बुधवार को धारण करने से मनोकांक्षा पूर्ण हो जाती है। 
उपाय नौ-9-
आपका धन बाजार में रुका रहता है और चाहकर भी लौटकर नहीं आता है तो आपको यह उपाय करना चाहिए। पीपल के सात पत्ते लेकर उस पर रौली से श्रीं लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। बाद में गंगाजल  चढ़ाएं। बाद में ओम्‌ नमः शिवाय सात बार बोलें। यह प्रयोग शुक्लपक्ष के सोमवार से प्रारम्भ करके सात सोमवार बिना नागा करना है। ऐसा करने से रुका धन निकल आता है।
उपाय दस-10-
आप दीर्घकालिक ऋण से परेशान हैं  तो आपको ऋण उतारने का संकल्प लेकर 108 बार गायत्री  मन्त्र पढ़ें। 1.5मीटर सफेद कोरे कपड़े में पांच गुलाब, लौंग व बताशे बांधकर रविवार के दिन ओम्‌ दुर्भाग्यनाशिनी गंगा दैव्ये नमः मन्त्र बोलकर बहा देंगे तो ऋण से मुक्ति मिल जाएगी।

जाप में माला की उपयोगिता-बाबा ज्ञानदेव तपस्वी




माला का प्रयोग जाप करने के लिए होता है। जाप किसी भी प्रकार का हो उसमें माला की आवश्यकता पड़ती है। 
माला बिना जाप निष्फल होता है!
अंगिरा स्मृति में वर्णित है-बिना दर्भेश्च यत्कृत्यं यच्च दानं विनोद-कम्‌। असंख्यया तु यत्‌ जप्तं तत्सर्व निष्फलं भवेद। अर्थात्‌ बिना कुशा के धर्म व अनुष्ठान, बिना जल स्पर्श के दान तथा बिना माला के संख्याहीन जो जप आदि होते हैं, वे सब निष्फल होते हैं। 
माला से जाप करने से जाप संख्या का ठीक-ठीक ज्ञान होता है। माला के मनके स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से जड़ी-बूटियों की लकड़ी से बनाए जाते हैं। माला को पवित्र समझा जाता है। 
माला से जाप करने से विलक्षण ऊर्जा उत्पन्न होती है!
यह जान लें कि अंगूठे व अंगुली के परस्पर संघर्ष से एक विलक्षण विद्युत उत्पन्न होती है जो धमनी के द्वारा सीधा हृदय चक्र को प्रभावित करती है जिससे मन एकाग्र हो जाता है।
माला के प्रकार व उपयोगिता
प्रायः तुलसी, चन्दन, शंख, कमलाक्ष, रूद्राक्ष, हरिद्रा, कुशा, मूंगे, सर्प अस्थियों आदि से माला को बनाया जाता है। 
कुशा की माला समस्त पाप का नाश करती है और वंश वृद्धि करती है। जायफल की माला पुत्र प्रदान करती है। मूंगे की माला धनदायक होती है। कमलाक्ष की माला शत्रुनाशक  होती है। हरिद्रा की माला समस्त विनों को दूर करती है। मारण प्रयोग में तामसिक हड्डी आदि क्रूर पदार्थों से बनी माला का प्रयोग होता है। कौड़ियां, छोटे शंख व शिरस के बीजों से बनी माला दमा, कफ के विकारों को दूर करती है। 
माला से विभिन्न प्रकार की तरंगे उत्पन्न होती हैं!
जाप करते समय माला घुमाते समय तर्जनी अंगुली से जाप नहीं किया जाता है क्योंकि ईश्वर का निवास प्राणी के हृदय में है। हृदय को प्रभावित करने के लिए मध्यमिका अंगुली से ही जाप करना चाहिए क्योंकि इस अंगुली के द्वारा हृदय का सीधा सम्बन्ध होता है। माला के मनकों को अंगूठे के द्वारा आगे या पीछे चलाया जाता है। अंगूठे व मध्यमा अंगुली के संघर्ष से जो विद्युत उत्पन्न होगी, वह सात्विक , राजसिक व तामसिक तीन प्रकार की ऊर्जा होती है। माला में सुमेरू को लांघा नहीं जाता है। बल्कि माला को पलट लिया जाता है। 
यह जान लें कि तुलसी की माला से सावत्त्वक तरंगे उत्पन्न होती हैं जोकि व्यक्ति को शान्त, एकाग्र एवं ध्यान में लीन करती हैं। रूदाक्ष की माला से राजसिक तरंगे उत्पन्न होती है जो आयुवर्धक हैं। हड्डी आदि क्रूर पदार्थों से बनी माला तामसिक तरंगे उत्पन्न करती है जोकि क्रूरता, हिंसा, उच्चाटन, मारण आदि को नष्ट करती है।
गले में इडा, पिंगल एवं सुषुम्ना तीनों नाडियां सहस्रार चक्र तक अपना प्रभाव रखती हैं। आज्ञा चक्र पर तीनों नाड़ियां सत्‌-रज-तम्‌  नामक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं।
माला के 108 मनकों से जाप करने से साधक बाहरी बाधाओं से रक्षित होता है।  उपांशु जप करने से गले की धमनियों को अधिक श्रम करना पड़ता है। इसके कारण गले के विभिन्न रोगों थायरायड, टांसिल, गलगण्ड आदि से बचाव होता है।
नाभि से नीचे का भाग दक्षिणायन तथा ऊपर का भाग उत्तरायण कहलाता है। माला धारण करने से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊर्जामयी तेजस मन्त्र शक्ति से उत्तरायण की ओर गति करता है। वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण मंडल को भेदता हुआ उर्ध्वागमन करता है।

पत्राचार पाठ्यक्रम

ज्योतिष का पत्राचार पाठ्यक्रम

भारतीय ज्योतिष के एक वर्षीय पत्राचार पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर ज्योतिष सीखिए। आवेदन-पत्र एवं विस्तृत विवरणिका के लिए रु.50/- का मनीऑर्डर अपने पूर्ण नाम व पते के साथ भेजकर मंगा सकते हैं। सम्पर्कः डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' ज्योतिष निकेतन 1065/2, शास्त्री नगर, मेरठ-250 005
मोबाईल-09719103988, 01212765639, 01214050465 E-mail-jyotishniketan@gmail.com

पुराने अंक

ज्योतिष निकेतन सन्देश
(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक)
स्टॉक में रहने तक मासिक पत्रिका के 15 वर्ष के पुराने अंक 3600 पृष्ठ, सजिल्द, गूढ़ ज्ञान से परिपूर्ण और संग्रहणीय हैं। 15 पुस्तकें पत्र लिखकर मंगा सकते हैं। आप रू.3900/-( डॉकखर्च सहित ) का ड्राफ्‌ट या मनीऑर्डर डॉ.उमेश पुरी के नाम से बनवाकर ज्‍योतिष निकेतन, 1065, सेक्‍टर 2, शास्‍त्री नगर, मेरठ-250005 के पते पर भेजें अथवा उपर्युक्त राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट नं. 32227703588 डॉ. उमेश पुरी के नाम में जमा करा सकते हैं। पुस्तकें रजिस्टर्ड पार्सल से भेज दी जाएंगी। किसी अन्य जानकारी के लिए नीचे लिखे फोन नं. पर संपर्क करें।
ज्‍योतिष निकेतन, मेरठ
0121-2765639, 4050465 मोबाईल: 09719103988

विज्ञापन