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बुधवार, नवंबर 08, 2023

श्रीमद्भगवद्गीता हिन्‍दी तांका छन्‍द में भगवान् का गीत अध्‍याय-सोलह-दैवासुर संपद् विभाग योग भाग-सोलह

 

'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्‍याय में 700 श्‍लोक हैं। इन 18 अध्‍याय को तांका छन्‍द में 18 पुस्‍तकों में अभिव्‍यक्‍त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्‍द्रह में गीता के अध्‍याय सोलह 'दैवासुर संपद् विभाग योग' के 24 श्‍लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्‍यक्‍त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्‍ची सुख-शान्‍ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्‍तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्‍त पीड़ा से मुक्‍त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्‍वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्‍छा। पुस्‍तक हेतु लिंक पर जाएं-

https://notionpress.com/read/shrimadbhagavadgita-hindi-tanka-chhan-d-mein-bhagwan-kaa-geet-adhyaa-solah-daivasura-sampada-vibhag-yoga-bhag-solah

श्रीमद्भगवद्गीता हिन्‍दी तांका छन्‍द में भगवान् का गीत अध्‍याय-सतरह-श्रद्धात्रय विभाग योग भाग-सतरह

 


'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्‍याय में 700 श्‍लोक हैं। इन 18 अध्‍याय को तांका छन्‍द में 18 पुस्‍तकों में अभिव्‍यक्‍त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सतरह में गीता के अध्‍याय सतरह 'श्रद्धात्रय विभाग योग' के 28 श्‍लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्‍यक्‍त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्‍ची सुख-शान्‍ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्‍तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्‍त पीड़ा से मुक्‍त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्‍वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्‍छा। पुस्‍तक हेतु लिंक पर जाएं-

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गुरुवार, नवंबर 02, 2023

श्रीमद्भगवद्गीता हिन्‍दी तांका छन्‍द में भगवान् का गीत अध्‍याय-पन्‍द्रह-पुरुषोत्तम योग भाग-पन्‍द्रह

 


 'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्‍याय में 700 श्‍लोक हैं। इन 18 अध्‍याय को  तांका छन्‍द में 18 पुस्‍तकों में अभिव्‍यक्‍त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्‍द्रह  में गीता के अध्‍याय पन्‍द्रह 'पुरुषोत्तम योग' के 20 श्‍लोक को तांका की पांच लाईन में  क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्‍यक्‍त किया गया है।  यह तांका संग्रह आपको सच्‍ची सुख-शान्‍ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस  पुस्‍तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्‍त पीड़ा से मुक्‍त होकर निर्भय हो जाएंगे।  भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्‍वत: ही सार्थक हो  जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि  इच्‍छा। पुस्‍तक हेतु लिंक पर जाएं-

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