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गुरुवार, अप्रैल 14, 2011

सफलता दिलाने वाले पांच अनमोल सूत्र



      सफल कौन नहीं होना चाहता है। यदि आप भी सफल होना चाहते हैं तो अपनाईए इन पांच अनमोल सूत्रों को!                            
 पहला सूत्र है कि जीवन में एक लक्ष्य बनाइए!
    लक्ष्यहीन जीवन व्यर्थ है! जब तक लक्ष्य नहीं है तब तक भटकाव है। सर्वप्रथम जीवन में अपना एक लक्ष्य बनाईए। लक्ष्य को पाने के लिए उसके अनुसार ज्ञान अर्जित कीजिए! ज्ञान अर्जित करने के लिए स्वाध्याय कीजिए। उन पुस्तकों का अध्ययन कीजिए जो आपके लक्ष्य के लिए सहयोगी हैं। प्रसिद्ध लोगों से भेंट कीजिए और उनके अनुभवों को जानिए। प्रसिद्ध और अपने क्षेत्र में सफल लोगों की जीवनी पढ़िए या उनकी आत्मकथा पढ़िए। इससे आपको जीवन में सफलता की प्रक्रिया के सूत्र मिलेंगे! एक प्रेरणा मिलेगी कि सफल होने के लिए क्या करना होगा, किन अवरोधों से गुजरते हुए उन्हें कैसे पार करना होगा!
    दूसरा सूत्र है कि समस्याओं की टीम के कप्तान बनिए!
    लक्ष्य बनाकर लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। समस्याओं को आता देखकर घबराएं नहीं। यह जान लें कि समस्या आप पर हावी होगी तो आप कदापि सफल नहीं हो पाएंगे और लक्ष्य को सिद्ध भी नहीं कर पाएंगे! सफलता तब आपको मिलेगी जब आप समस्या पर हावी हो जाएंगे। जीवन में आपको ही सबकुछ करना होगा, दूसरों से आशा न रखें और समस्याओं को एक अच्छे कप्तान के सदृश दूर करके मैच को जीत लें। कहने का मतलब है कि समस्याओं की टीम के कप्तान बनकर उनपर हावी हो जाईए और अपना लक्ष्य पूर्ण साहस और श्रम के साथ पा ही लीजिए।
    तीसरा सूत्र है कि गुड नहीं, बैटर नहीं सदैव बैस्ट बनिए!
    कोई भी एक दिन में बेस्ट यानि सर्वोत्तम नहीं बनता है। आप खराब से अच्छे हो सकने का प्रयास करते हैं, अच्छे से उत्तम बनने का और प्रयास कर सकते हैं एवं उत्तम से सर्वोत्तम बनने के लिए सर्वाधिक प्रयास कर सकते हैं। अच्छे से सर्वोत्तम बनने की एक प्रक्रिया होती है। बेस्ट यानि सर्वोत्तम बनने के लिए कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है। सर्वप्रथम आपको अपना आदर्श तय करना होगा, फिर उस आदर्श के अनुरूप लक्ष्य बनाना होगा, लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़निश्चय रखना होगा, उसे पाने के लिए जोखिम उठाना होगा और भरपूर प्रयास करना होगा। तब कहीं सफल होने पर सर्वोत्तम होने का मैडल मिलेगा।
    चौथा सूत्र है कि आपमें ये गुणत्रयी है-जिज्ञासा, सोचने की शक्ति, कठिन स्वाध्याय करने की इच्छा!
    उक्त तीनों गुण जिसमें होते हैं वही सफल होता है। प्रत्येक सफल व्यक्ति में ये गुणत्रयी होती है। आपमें जिज्ञासा होनी चाहिए यानि कि जानने की इच्छा होनी चाहिए। सोचने की शक्ति होनी चाहिए! ज्ञान प्राप्ति अर्थात्‌ स्वाध्याय करने के लिए कठिन परिश्रम करने की चाहत होनी चाहिए। प्रत्येक सफल व्यक्ति में ये गुण होते हैं! यदि आपने भी ये पा लिए तो आप भी उन सफल व्यक्तियों की पंक्ति में शामिल हो जाएंगे।
    पांचवा सूत्र है कि ईश्वर प्रदत्त अनमोल उपहार रूपी मस्तिष्क का उपयोग कीजिए!
    मनुष्य जीवों में सर्वोपरि है! क्यों? उसे ईश्वर ने सर्वोत्तम उपहार रूपी अनमोल मस्तिष्क जो दिया है। मनुष्य इसका उपयोग कम से कम करता है। सफल व्यक्ति इसका उपयोग सामन्य जन से अधिक करते हैं इसलिए वे सफल हैं! मस्तिष्क का कार्य है सोचना और सोचना विकास की निशानी है। जो सोचते हैं वे ही आदर्श स्थापित करते हैं! आदर्श स्थापित होने पर जीवन में लक्ष्य भी अच्छे बनते हैं।
    यदि आपने उक्त पांच सूत्रों को अपने जीवन में ढाल लिया तो कोई भी आपको सफलतम व्यक्तियों की सूची में आने से नहीं रोक सकता है। उठो, जागो और अपना लो ये पांच अनमोल सूत्र जीवन में सफल होने के लिए।

            
  

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