सकारात्मक छवि दूजों पर अच्छा प्रभाव छोड़ती है। सदैव सकारात्मक रहने से नकारात्मकता पास नहीं रहती है और अन्त: में हीन भावना का वास भी नहीं होता है। सोच सदैव सकारात्मक रखें।
कोई भी आपको आपके बाह्य रूप से ही देखकर अपना निर्णय करता है कि आप कैसे?
आपकी नकारात्मक छवि दूजों को आपसे दूर करती है जबकि सकारात्मक छवि से आप उनके समीप होते हैं।
आप सदैव अपने नकारात्मक पहलू में उलझे रहेंगे तो आपमें हीन भावना आ जाएगी और आपकी छवि भी उसी के अनुरूप ढल जाएगी और आप दूजों पर नकारात्मक प्रभाव ही छोड़ेंगे क्योंकि आपकी छवि नकारात्मक जो बन चुकी है।
प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न-भिन्न तरह की क्षमताएं होती हैं। वे इन्हीं क्षमताओं के अनुसार उस क्षेत्र में निपुण बन सकते हैं। आपको अपनी क्षमता को समझना होगा क्योंकि आपकी अपनी क्षमता ही आपकी प्रतिभा बन सकती है।
जब तक आप अपनी प्रतिभा को नहीं पहचानेंगे तबतक आप उन्नति पथ पर अग्रसर नहीं हो सकेंगे। प्रत्येक व्यक्ति में एक विलक्षण प्रतिभा होती है जो उसकी पहचान बन जाती है। आप भी अपने अन्दर छिपी उस विलक्षण प्रतिभा को अपनी क्षमता के अनुरूप पहचानें।
आप अपना विश्लेषण करके देखें कि आप किस क्षेत्र में बेहतर और आसानी से कर सकते हैं। हमारे अनुभवानुसार व्यक्ति की रुचि जिस क्षेत्र में होती है उसी क्षेत्र में वह अपना सर्वोत्तम दे सकता है। आपको अपनी रुचि के अनुरूप ही अपना क्षेत्र चुनना चाहिए।
सदैव अपने को समग्र रूप में देखना चाहिए। अपने व्यक्तित्व की प्रत्येक विशेषता पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। ये विशेषताएं आपकी क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी होगी। आपकी समग्र दृष्टि आपको ऐसा करने को प्रेशर करेगी।
हीन भावना को निकाल फेंके। यदि नहीं निकाल पा रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल से सलाह लें। सुकार्य करें और अधिक से अधिक मित्र बनाएं। जीवन को जितना सामाजिक बनाएंगे उतना आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपनी क्षमता और प्रतिभा को विकसित कर पाएंगे।
अपनी नकारात्मक बातों पर ध्यान न देकर सकारात्मक बातों पर ध्यान देंगे तो आपकी दृष्टि और व्यक्तित्व दोनों सकारात्मक बनेंगे जिसका प्रतिफल होगा आपकी सकारात्मक छवि।
एक बार आपने अपनी छवि सकारात्मक बना ली तो समझ लें कि आपने उन्नति की पहला पायदान पार कर लिया। अब आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
कोई भी आपको आपके बाह्य रूप से ही देखकर अपना निर्णय करता है कि आप कैसे?
आपकी नकारात्मक छवि दूजों को आपसे दूर करती है जबकि सकारात्मक छवि से आप उनके समीप होते हैं।
आप सदैव अपने नकारात्मक पहलू में उलझे रहेंगे तो आपमें हीन भावना आ जाएगी और आपकी छवि भी उसी के अनुरूप ढल जाएगी और आप दूजों पर नकारात्मक प्रभाव ही छोड़ेंगे क्योंकि आपकी छवि नकारात्मक जो बन चुकी है।
प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न-भिन्न तरह की क्षमताएं होती हैं। वे इन्हीं क्षमताओं के अनुसार उस क्षेत्र में निपुण बन सकते हैं। आपको अपनी क्षमता को समझना होगा क्योंकि आपकी अपनी क्षमता ही आपकी प्रतिभा बन सकती है।
जब तक आप अपनी प्रतिभा को नहीं पहचानेंगे तबतक आप उन्नति पथ पर अग्रसर नहीं हो सकेंगे। प्रत्येक व्यक्ति में एक विलक्षण प्रतिभा होती है जो उसकी पहचान बन जाती है। आप भी अपने अन्दर छिपी उस विलक्षण प्रतिभा को अपनी क्षमता के अनुरूप पहचानें।
आप अपना विश्लेषण करके देखें कि आप किस क्षेत्र में बेहतर और आसानी से कर सकते हैं। हमारे अनुभवानुसार व्यक्ति की रुचि जिस क्षेत्र में होती है उसी क्षेत्र में वह अपना सर्वोत्तम दे सकता है। आपको अपनी रुचि के अनुरूप ही अपना क्षेत्र चुनना चाहिए।
सदैव अपने को समग्र रूप में देखना चाहिए। अपने व्यक्तित्व की प्रत्येक विशेषता पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। ये विशेषताएं आपकी क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी होगी। आपकी समग्र दृष्टि आपको ऐसा करने को प्रेशर करेगी।
हीन भावना को निकाल फेंके। यदि नहीं निकाल पा रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल से सलाह लें। सुकार्य करें और अधिक से अधिक मित्र बनाएं। जीवन को जितना सामाजिक बनाएंगे उतना आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपनी क्षमता और प्रतिभा को विकसित कर पाएंगे।
अपनी नकारात्मक बातों पर ध्यान न देकर सकारात्मक बातों पर ध्यान देंगे तो आपकी दृष्टि और व्यक्तित्व दोनों सकारात्मक बनेंगे जिसका प्रतिफल होगा आपकी सकारात्मक छवि।
एक बार आपने अपनी छवि सकारात्मक बना ली तो समझ लें कि आपने उन्नति की पहला पायदान पार कर लिया। अब आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी देकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करें।