नए रूप रंग के साथ अपने प्रिय ब्‍लॉग पर आप सबका हार्दिक स्‍वागत है !

ताज़ा प्रविष्ठियां

संकल्प एवं स्वागत्

ज्योतिष निकेतन संदेश ब्लॉग जीवन को सार्थक बनाने हेतु आपके लिए समर्पित हैं। आप इसके पाठक हैं, इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे। हमें विश्‍वास है कि आप सब ज्योतिष, हस्तरेखा, अंक ज्योतिष, वास्तु, अध्यात्म सन्देश, योग, तंत्र, राशिफल, स्वास्थ चर्चा, भाषा ज्ञान, पूजा, व्रत-पर्व विवेचन, बोधकथा, मनन सूत्र, वेद गंगाजल, अनुभूत ज्ञान सूत्र, कार्टून और बहुत कुछ सार्थक ज्ञान को पाने के लिए इस ब्‍लॉग पर आते हैं। ज्ञान ही सच्चा मित्र है और कठिन परिस्थितियों में से बाहर निकाल लेने में समर्थ है। अत: निरन्‍तर ब्‍लॉग पर आईए और अपनी टिप्‍पणी दीजिए। आपकी टिप्‍पणी ही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है।

बुधवार, अप्रैल 13, 2011

आगे बढ़ना चाहते हैं तो बना लें अपनी सकारात्‍मक छवि


             
    सकारात्‍मक छवि दूजों पर अच्‍छा प्रभाव छोड़ती है। सदैव सकारात्‍मक रहने से नकारात्‍मकता पास नहीं रहती है और अन्‍त: में हीन भावना का वास भी नहीं होता है। सोच सदैव सकारात्‍मक रखें।
    कोई भी आपको आपके बाह्य रूप से ही देखकर अपना निर्णय करता है कि आप कैसे?
    आपकी नकारात्‍मक छवि दूजों को आपसे दूर करती है जबकि सकारात्‍मक छवि से आप उनके समीप होते हैं।
    आप सदैव अपने नकारात्‍मक पहलू में उलझे रहेंगे तो आपमें हीन भावना आ जाएगी और आपकी छवि भी उसी के अनुरूप ढल जाएगी और आप दूजों पर नकारात्‍मक प्रभाव ही छोड़ेंगे क्‍योंकि आपकी छवि नकारात्‍मक जो बन चुकी है।
    प्रत्‍येक व्‍यक्ति में भिन्‍न-भिन्‍न तरह की क्षमताएं होती हैं। वे इन्‍हीं क्षमताओं के अनुसार उस क्षेत्र में निपुण बन सकते हैं। आपको अपनी क्षमता को समझना होगा क्‍योंकि आपकी अपनी क्षमता ही आपकी प्रतिभा बन सकती है।
    जब तक आप अपनी प्रतिभा को नहीं पहचानेंगे तबतक आप उन्‍नति पथ पर अग्रसर नहीं हो सकेंगे। प्रत्‍येक व्‍यक्ति में एक विलक्षण प्रतिभा होती है जो उसकी पहचान बन जाती है। आप भी अपने अन्‍दर छिपी उस विलक्षण प्रतिभा को अपनी क्षमता के अनुरूप पहचानें।
    आप अपना विश्‍लेषण करके देखें कि आप किस क्षेत्र में बेहतर और आसानी से कर सकते हैं। हमारे अनुभवानुसार व्‍यक्ति की रुचि जिस क्षेत्र में होती है उसी क्षेत्र में वह अपना सर्वोत्तम दे सकता है। आपको अपनी रुचि के अनुरूप ही अपना क्षेत्र चुनना चाहिए।
    सदैव अपने को समग्र रूप में देखना चाहिए। अपने व्‍यक्तित्‍व की प्रत्‍येक विशेषता पर पूर्ण ध्‍यान देना चाहिए। ये विशेषताएं आपकी क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी होगी। आपकी समग्र दृष्टि आपको ऐसा करने को प्रेशर करेगी।
    हीन भावना को निकाल फेंके। यदि नहीं निकाल पा रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल से सलाह लें। सुकार्य करें और अधिक से अधिक मित्र बनाएं। जीवन को जितना सामाजिक बनाएंगे उतना आपका आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा और आप अपनी क्षमता और प्रतिभा को विकसित कर पाएंगे।
    अपनी नकारात्‍मक बातों पर ध्‍यान न देकर सकारात्‍मक बातों पर ध्‍यान देंगे तो आपकी दृष्टि और व्‍यक्तित्‍व दोनों सकारात्‍मक बनेंगे जिसका प्रतिफल होगा आपकी सकारात्‍मक छवि।
    एक बार आपने अपनी छवि सकारात्‍मक बना ली तो समझ लें कि आपने उन्‍नति की पहला पायदान पार कर लिया। अब आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्‍पणी देकर अपने विचारों को अभिव्‍यक्‍त करें।

पत्राचार पाठ्यक्रम

ज्योतिष का पत्राचार पाठ्यक्रम

भारतीय ज्योतिष के एक वर्षीय पत्राचार पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर ज्योतिष सीखिए। आवेदन-पत्र एवं विस्तृत विवरणिका के लिए रु.50/- का मनीऑर्डर अपने पूर्ण नाम व पते के साथ भेजकर मंगा सकते हैं। सम्पर्कः डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' ज्योतिष निकेतन 1065/2, शास्त्री नगर, मेरठ-250 005
मोबाईल-09719103988, 01212765639, 01214050465 E-mail-jyotishniketan@gmail.com

पुराने अंक

ज्योतिष निकेतन सन्देश
(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक)
स्टॉक में रहने तक मासिक पत्रिका के 15 वर्ष के पुराने अंक 3600 पृष्ठ, सजिल्द, गूढ़ ज्ञान से परिपूर्ण और संग्रहणीय हैं। 15 पुस्तकें पत्र लिखकर मंगा सकते हैं। आप रू.3900/-( डॉकखर्च सहित ) का ड्राफ्‌ट या मनीऑर्डर डॉ.उमेश पुरी के नाम से बनवाकर ज्‍योतिष निकेतन, 1065, सेक्‍टर 2, शास्‍त्री नगर, मेरठ-250005 के पते पर भेजें अथवा उपर्युक्त राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट नं. 32227703588 डॉ. उमेश पुरी के नाम में जमा करा सकते हैं। पुस्तकें रजिस्टर्ड पार्सल से भेज दी जाएंगी। किसी अन्य जानकारी के लिए नीचे लिखे फोन नं. पर संपर्क करें।
ज्‍योतिष निकेतन, मेरठ
0121-2765639, 4050465 मोबाईल: 09719103988

विज्ञापन