महान वैज्ञानिक न्यूटन मरणासन्न अवस्था में चारपाई पर पड़े थे।
उनके मित्र उनसे मिलने गए।
न्यूटन ने मधुर मुस्कान सहित उनका स्वागत किया और बोले, 'अब तो अपनी चलने की तैयारी है, मित्रों।'
प्रत्युत्तर में मित्र बोले, ' आपके लिए तो यह गर्व की बाता है कि आप जीवन पर्यन्त प्रकृति के रहस्यों को उजागर करने में सफल हुए।'
न्यूटन ने मित्रों से कहा, ' मित्रों, इसमें गर्व की कोई बात नहीं है। विशाल सागर के तट पर खेलने वाले बच्चों के हाथ जिस प्रकार संयोगवश कुछ सीप व चमकीले पत्थर लग जाते हैं, उसी प्रकार मेरा जीवन समझो। प्रकृति के अनन्त सागर के रहस्य जान पाना तो दूर मैं तो अभी उसमें एक डुबकी भी नहीं लगा पाया हूं।'
जीवन के अथाह रहस्य में बहुत कुछ छिपा है, लेकिन न्यूटन हमसे तो ज्यादा जानते थे ... ......
जवाब देंहटाएं( क्या चमत्कार के लिए हिन्दुस्तानी होना जरुरी है ? )
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जो जहां जन्म लेता है वहां की पहचान से वह जाना जाता है, अच्छा मानव बनने के लिए हिन्दुस्तानी ही हो यह अवश्यक नहीं है। संसार में अच्छा इन्सान होना सीमा के विवाद से परे की बात है। कोई भी अच्छा बन सकता है, यह सुसंगत, सुसंस्कार एवं सुस्वाध्याय पर निर्भर है। यह सभी को करना चाहिए।
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