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सोमवार, जुलाई 19, 2010

दशमांश कुंडली से आजीविका विचार कैसे करते हैं?-सत्यज्ञ



      जन्म कुंडली का दसवां भाव से आजीविका का विचार किया जाता है कि जातक का व्यवसाय कैसा रहेगा अर्थात जातक अपने व्यवसाय में बिना किसी रुकावट के कार्य करता रहेगा या नहीं। लेकिन व्यवसाय कैसा होना चाहिए और व्यवसाय में स्थिरता की जानकारी के लिए दशमांश कुंडली सहायक होती है। यदि दशमेष और दसवें भाव में स्थित ग्रह दशमांश कुंडली में बल पाते हैं तो जातक को व्यवसाय में विशेष सफलता मिलती है। कुंडली में दसवें भाव में स्थित ग्रह यदि दशमांश कुंडली में स्थिर राशि में है और शुभग्रह से युत है तो जातक व्यापार में सफलता पाता है। दशमांश कुंडली के लग्न का स्वामी और लग्न दोनों एक ही तत्त्व की राशि में हों तो भी जातक व्यापार करता है। इसके विपरीत यदि दसवें भाव स्थित ग्रह दशमांश कुंडली में चर राशि में स्थित हों और अशुभ ग्रह से युत हों तो जातक नौकरी करता है। दशमांश कुंडली के लग्न का स्वामी और लग्न में परस्पर शत्रुता हो तो जातक को व्यवसाय में अस्थिरता देती है। 

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