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शनिवार, मई 22, 2010

मधुमेह से जूझने के सूत्र -डॉ. सत्येन्द्र तोमर (बी.ए.एम.एस, एम.डी)



     शरीर में मधुमेह रोग हो तो लोग कहने लगते हैं अब तो मीठा खाना दुश्वार हो गया है। मधुमेह के रोगी भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं, इस बात को देखकर भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है। मधुमेह यानि डॉयबीटिज से बचाव के अनमोल सूत्र यहां बता रहे हैं जिसके अनुपालन से आप सरलता से मधुमेह से जूझ सकते हैं।
मधुमेह से जूझने के सूत्र
     मधुमेह के विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें। इससे इस रोग से जूझने की शक्ति प्राप्त होती है। मधुमेह का जागरुक रोगी ही इससे जूझने की शक्ति रखता है।
     यदि आप मोटापे के शिकार हैं तो वजन घटाइए। जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं उनमें भार बढ़ने की प्रवृत्ति और मधुमेह होने का खतरा अधिक रहता है। आप अपने भार का छह प्रतिशत भी घटा लेंगे तो आपको मधुमेह होने को खतरा पचास प्रतिशत तक कम हो जाता है। लेकिन यह कदापि ने भूलें कि मधुमेह मोटे-पतले, बच्चे, युवा, वृद्ध सभी को हो सकती है।
     सुबह और शाम की सैर या व्यायाम करने का नियम सख्ती से बनाएं और उसका नित्य पालन करें। छोटे-छोटे श्रम के कार्य स्वयं करने की आदत बनाएं।
     मधुमेह से बचने का सर्वोत्तम सूत्र हैं कि माह में एक बार शुगर की जांच अवश्य कराएं और उसी के अनुरूप चिकित्सक से सलाह लेकर चिकित्सा करें या औषधि का सेवन करें। यदि इसमें लापहरवाही करेंगे तो आगे चलकर आंखों की रोशनी, किडनी, स्नायु तन्त्र, हृदय सम्बन्धी रोग घेर सकते हैं।
     मधुमेह के रोगी को भोजन में सावधानी बरतने चाहिए। परहेज उसके लिए रामबाण है। कम वसा और अधिक रेशे वाला भोजन इस रोग से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके रोगी को जूस पीने की अपेक्षा साबुत फल छिलके समेत खाने चाहिएं।
     मधुमेह में फाइबर फूड खाने की विशेष सलाह दी जाती है। फाइबर दो प्रकार के होते हैं-अघुलनशील और घुलनशील। दोनों हमारे शरीर में अलग-अलग कार्य करते हैं। अघुलनशील फाइबर भोजन को आसानी से आंतों में पहुंचा देते हैं। गहरे हरे रंग की सब्जियां, फल, आलू का छिलका, साबुत अनाज, चोकर, मेवे और सीड्स।
घुलनशील फाइबर भोजन वसा युक्त एसिड में होता है और शरीर में शुगर का समावेश तेजी से नहीं होने देता है। इसके अन्तर्गत सूखे बीन्स और मटर, ओट्स और उनका चोकर, जौ, मेवे, सन्तरा, सेब, गाजर आदि पदार्थ आते हैं।
     नियमित और समय पर व्यायाम और भोजन का सेवन इस रोग से लड़ने की क्षमता देता है। उचित श्रम, भोजन का विशेष ध्यान रखें। कम वसा युक्त भोजन लेंगे और परहेज व असमय के मीठे या मिठाई से स्वयं को बचाकर रखेंगे तो मधुमेह आपके लिए रोग न होकर जीवन जीने का एक ढंग बन जाएगा। इस रोग से वे अधिक परेशान रहते हैं जो जीवन में नियमितता और एक अनुशासन नहीं ले पाते और दिन भर कभी भी कुछ न कुछ खाते रहते हैं और इस खाने में वे यह भी भूल जाते हैं कि वे विष के रूप में अपने रोग को अनजाने में ही बढ़ा रहे हैं और खतरा सिर पर मंडरा रहा है। नियमित जीवन से इस रोग से जूझ सकते हैं।

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