पीलिया रोग में रोगी को चारों ओर हर वस्तु पीली नजर आती है। रोगी भी पीले रंग से पोत दिया गया हो ऐसा लगता है। वह कमजोर हो जाता है। यह हेपेटाइटिस 'बी' का गहरा पीलिया है जिसे कई लोग जहरीला पीलिया भी कहते हैं। प्रारंभिक लक्षणों में हल्का बुखार, भूख न लगना, जी मचलाना, उल्टी होते रहना, अत्यधिक कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, जोड़ों में दर्द प्रमुख है। धीरे-धीरे गहरा पीलिया हो जाता है जो कई दिनों, महीनों तक रह सकता है। कई लोग गंभीर स्थिति में पहुँच जाते हैं तथा लीवर के काम न करने पर एक्युट लीवर फेलियर से मौत के ग्रास हो जाते हैं। ईलाज भी कराएं और इस प्रयोग को मन से करें तो लाभ होगा।
एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल डालकर रोगी के सिर पर रखें और कुशा से उस तेल को चलाते हुए अधोलिखित मन्त्र को सात बार पढ़ें। ऐसा तीन दिन तक बिना नागा करने से तेल पीला पड़ जाएगा और रोग ठीक हो जाएगा।
अनुभूत शाबर मन्त्र इस प्रकार है-
ऊँ नमो वीर वेताल इसराल,
नार कहे तु देव खादी तू बादी,
पीलिया कूं भिदाती कारैं,
झारैं पीलिया रहे न एक निशान,
जो कहीं रह जाय तो हनुमंत की आन,
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा।
मैं मेरठ में ही रहती हूँ एक बच्चे को हैपीटाइटिस हुआ है क्या आप झाड़ सकते हैं ?
जवाब देंहटाएंक्या आप हैपीटाइटिस झाड़ते हैं ?
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