कभी-कभी सबकुछ ठीक होते हुए भी सभी प्रयास कर लेने के बाद भी सन्तान नहीं होती है। विवाह के बाद सबसे पहले सन्तान की ही प्राथमिकता है। लेकिन चाहकर भी सन्तान न हो तो मन परेशान रहने लगता है। जिस दम्पत्ति के सन्तान न होती हो उन्हें इस मन्त्र का जाप नियमानुसार करना चाहिए। मन्त्र इस प्रकार है-
देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्यामहं शरण गतः।
इस मन्त्र का सवा लाख जप करना चाहिए।
कम से कम एक माला प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए।
पृथ्वी पर सोना चाहिए, झूठ, शराब, कपट से बचें, सात्विक भोजन करें, बाल न कटवाएं।
सवालाख जप पूर्ण हो जाने पर दशांश जप का हवन तिल, शहदादि द्वारा करके विप्रों को भोजन कराना चाहिए।
इन प्रयोग से आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताकर लाभ पहुंचाएं।
बिना शंका के इस प्रयोग को मन से करने से शीघ्र लाभ होता है।
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