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शुक्रवार, अप्रैल 30, 2010

ज्ञान



न क्या योपयामसि।-सामवेद 176
हम कभी ज्ञानार्जन में प्रमाद न करें।
ज्ञान की प्राप्ति में आलस्य या प्रमाद करने से ज्ञान प्राप्ति में बाधा आ जाती है। ज्ञान प्राप्ति में मन अवश्य लगाना चाहिए। उत्कृष्ट ज्ञान के लिए सदैव प्रभु से सुमति मांगनी चाहिए कि जिससे सुज्ञान प्राप्त हो सके। ज्ञान स्वयं में एक बल है जो कठिन परिस्थितियों मे सुमार्ग दिखलाकर उनसे पार लगाता है। ज्ञान से सच्चा मित्र कोई नहीं है। अतः स्वाध्याय एवं सुसंगत से सदैव ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए। जो भी ज्ञान को पाने के लिए सक्रिय रहता है, वह अपना प्रगति पथ अग्रसर करता रहता है।  
 जीवन को दिशा देता सदा ज्ञान, इसे पाने को रख ले पूरा ध्यान॥

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