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रविवार, सितंबर 27, 2009

जीवन जीने के सरल सूत्र -ज्ञानेश्वर


जीवन जीने के सरल सूत्र

१. जीवन के चार आयाम हैं-संकल्प, आंकड़े, संवाद, नियति।
२. ऋणात्मक सोच के लिए मानव प्रकृति, असुरक्षा की भावना एवं महत्वकांक्षाएं जिम्मेदार हैं।
३. लोग कई प्रकार के होते हैं-बातूनी, चतुर, धूर्त, इश्कबाज, चोर, दावतें उड़ाने वाले, मुखबिर एवं खलनायक।
४. दृढ़ इच्छा शक्ति एवं संकल्प से आप सबकुछ कर सकते हैं।
५. शत्रु से भी मित्रवत व्यवहार रखें।
६. समय का सदुपयोग कैसे हो, इसकी समझ उत्पन्न करें।
७. स्वयं के विचार की अभिव्यक्ति करें। जो पूछना चाहते हैं पूछें और जो कहना चाहते हैं कहें।
८. आप सदैव जो चाहते हैं वैसा हो यह आवश्यक नहीं है और यह आवश्यक नहीं कि आप सदैव विजयी हों।
९. अधिकांश बली लोग अनेक लड़ाईयां हार जाते हैं परन्तु योजनाबद्ध ढंग से लड़ा युद्ध जीत जाते हैं।
१०. धैर्य एक बहुत बड़ा हथियार है इसका भली-भांति प्रयोग कर सकते हैं।
११. लोग भूल जाते हैं कि आपने क्या कहा क्योंकि उनके पास अल्प स्मृति होती है। लोग भूल जाते हैं कि आपने क्या कहा क्योंकि उनके अपने पास अनेक जिम्मेदारियां होती हैं। लेकिन लोग यह नहीं भूल पाते कि आप उनके बारे में क्यो सोचते हैं।

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