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बुधवार, अगस्त 25, 2010

समय का प्रबन्धन करें!



आप किसी से भी बात करने का प्रयास करेंगे तो आपको महसूस होगा कि वे सब बहुत व्यस्त हैं। किसी से काम की बात करेंगे तो उत्तर मिलेगा-अभी नहीं, अभी समय नहीं है। यह अच्छी बात है कि सभी व्यस्त रहें, कोई खाली न रहे। लोग दिनभर भागते रहते हैं और सायं तक हंसने-खेलने का समय तक नहीं है। कार्य फिर भी अधूरे हैं और हर समय समय की कमी रहती है। समयानुरूप प्रतिदिन सफल और सुखी होना है तो इसका सरल उपाय है-समय का प्रबन्धन। अपने समय का प्रबन्धन करना ही सफल होने का सरल सूत्र है। एक सप्ताह में जो भी कार्य आपको करने हैं उसकी समय-सूची बना लें। यह सूची आपकी मार्गदर्शिका होगी। आपको तो इस सूची के अनुरूप अपने कार्यों को करना है। इसमें लक्ष्य की पूर्ति और समय बचाने का पूर्ण प्रयास भी करना है। सही बात तो यह है कि हम लोग अनजाने में समय व्यर्थ करते रहते हैं। इसका अनुमान आपको होने लगेगा जब आप इस सूची के अनुरूप प्रयास करेंगे। यह समझ लें कि बीता समय कभी वापिस नहीं आता है। हमें यह ध्यान रखना है कि दिन भर के 24 घंटे या 1440मिनट किसी भी प्रकार से व्यर्थ न जाएं। सभी को दिन-रात में 24घंटे ही मिलते हैं। आज मनोरंजन के रोग ने समय के महत्व को इतना घटा दिया है कि जीवन के शेष ध्येय गौण लगने लगे हैं। सभी हर समय सुविधा और मनोरंजन चाते हैं, जबकि सफल जीवन के लिए ये दोनों ही सबसे बड़ी बाधाएं हैं।  समय के प्रबन्धन से तात्पर्य यह है कि महत्वहीन कार्यों में समय न गंवाना और जो करना है उसको समयानुरूप लक्ष्य के अनुसार करना। मूलतः हमे वही करना, सुनना, पढ़ना और देखना चाहिए जो लक्ष्य की पूर्ति में सहायक हो। ऐसा करने पर समय कम नहीं रहेगा और सदैव आपके पास बचा रहेगा।
ऐसे में आप समय के प्रबन्धन से आसानी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकेंगे। प्रत्येक सफल व्यक्ति की सफलता का रहस्य सफलता का प्रबन्धन ही है।

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