स्त्री का जन्म नक्षत्र और उसका फल जानने के लिए सर्वप्रथम उसकी कुण्डली से जन्मनक्षत्र ज्ञात कर लें और फिर अधोलिखित फल को समझना चाहिए। 27 नक्षत्रों का फल इस प्रकार है।
1-अश्विनी नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, धन से युक्त, दर्शनीय, प्रिय वक्ता, व्यवहार कुशल, शुद्ध चित्त वाली गुरु-पिता, दादा, कुलपुरोहित, साधु, महात्मा, ऋषि, धार्मिक प्रवृत्ति वाली, गुरु की भक्त होती है।
2-भरणी नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह झगड़ालू, दुष्ट स्वभाव, निर्धन, निस्तेज, मलिन रहने वाली, कठोर, कटु वक्ता एवं सदैव क्लेश करने वाली होती है।
3-कृत्तिका नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह क्रोधी स्वभाव की , दूजों से ईर्ष्या करने वाली, विरक्त, बन्धहीन, दुर्बल शरीर वाली, कफ प्रकृति, झगड़ा करने वाली, संघर्षशीला होती है।
4-रोहिणी नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, पतिव्रता, माता व पिता की भक्त, भौतिक सुख-साधनों से युक्त, धनी, सन्तान सुख से परिपूर्ण, मधुर बोलने वाली, व्यवहार कुशल एवं गृहस्थ-सुख भरपूर पाती है।
5-मृगशिरा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, प्रसन्न, मधुर वक्ता, समस्त भौतिक सुख साधनों से युक्त, धार्मिक, सन्तान एवं पति सुख से परिपूर्ण एवं व्यवहार कुशल होती है।
6-आर्द्रा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह दुष्ट स्वभाव से युक्त, कफ व पित्त प्रकृति से युक्त, क्रोधी, शत्रु से पीड़ित, अधिक व्यय करने वाली, विदुषी एवं घमंडी होती है।
7-पुनर्वसु नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह आडम्बर व पाखंड से दूर, वेदानुसार चलने वाली, धार्मिक, सुन्दर, मधुर स्वभाव से युक्त, मीठा बोलने वाली, सबके प्रति समभाव रखने वाली, सुपति व सुसन्तान से युक्त एवं पुण्यशीला होती है।
8-पुष्य नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, मित्रों से युक्त, सुकर्मों को करने वाली, धनवान, भौतिक सुख साधनों से युक्त, प्रसिद्ध, सौभाग्यवती, सुसन्तान व सुपति से युत, बन्धुओं की प्रिय होती है।
9-आश्लेषा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह कुरुप, व्यसनों से युक्त, कुकर्म रत, व्याभिचारिणी, कठोर वचन बोलने वाली, अभिमानी, छल व प्रपंच रचने वाली, कंजूस, कृतन एवं अवैध ढंग से धन एकत्र करने वाली एवं खर्चीली होती है।
10-मघा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सर्वप्रिय, नेतृत्व करने वाली, शत्रुओं से पीड़ित, धनी, भौतिक सुख साधनों से युक्त, गुरु एवं विप्र की भक्त, दानी, प्रसिद्ध, जो ठान लिया वह करने वाली, राजसुख भोगने वाली, एक से अधिक लोगों में प्रसिद्ध, सामाजिक कार्य करने वाली एवं सबकी प्रिय होती है।
11-पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सौभाग्यवती, पतिप्रिया, पुत्रों से युक्त, मधुर बोलने वाली, व्यवहार कुशल, विदुषी, धनी, विचार करके कहने वाली, कृतन, कंजूस एवं भौतिक सुखों से परिपूर्ण होती है।
12-उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, स्थिर चित्त वाली, धनी, सुसन्तान एवं पति से युक्त, अच्छा जीवनयापन करने वाली, बुद्धिमान, सुगृहणी, गृहकार्यों में दक्ष, व्यवहार कुशल, स्वस्थ एवं सुकर्मरत होती है।
13-हस्त नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, धनी, सर्वप्रिय, क्षमाशील, व्यवहार कुशल, विदुषी, लोकप्रिय, कलाप्रेमी, साहित्यप्रेमी, बहुमुखी प्रतिभा की धनी, अनेक सुखों से परिपूर्ण, वाकपटु एवं दूजों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाली होती है।
14-चित्रा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह विभिन्न आभूषणों से युक्त, सुन्दर, धनी, नीतिवान्, गृहकार्य में दक्ष, सुगृहणी, दूजों को तुरन्त प्रभावित करने वाली होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को चित्रा नक्षत्र में जन्म हो तो विषकन्या होती है, दरिद्र, दुःखी, विधवा होती है। अपने व्यवहार एवं कर्मों से बदनाम होती है। कुकर्मों में रुचि रखने वाली अभिमानी, घमंडी एवं कंजूस होती है, स्वार्थ सर्वपरि होता है।
15-स्वाति नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह रूपवती, सुपति व धन से युक्त होती है, प्रसिद्ध, समाजिक कार्यों में रुचि रखने वाली, शत्रुओं पर विजय पाने वाली, भौतिक सुख साधनों से युक्त एवं मित्रों से युत होती है। धार्मिक प्रवृत्ति वाली एवं गुरु की भक्त होती है।
16-विशाखा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह सुन्दर, कोमल स्वभाव वाली, सुन्दर वचन बोलने वाली, तीर्थयात्रा में रुचि रखने वाली, धार्मिक प्रवृत्ति से युक्त, पतिप्रिया, देव व गुरु की भक्त एवं समस्त सुखों की भोक्ता होती है।
17-अनुराधा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह मित्रों से युक्त, अभिमान से रहित, प्रसन्न, पराक्रमी, नम्र, पतिव्रता, आज्ञाकारिणी, गुरु भक्त, आभूषणों से प्रेम रखने वाली, भौतिक सुख साधनों से युक्त एवं ज्ञानी व प्रसिद्ध होती है।
18-ज्येष्ठा नक्षत्र में स्त्री का जन्म हो तो वह कठोर, दृढ़ वचन बोलने वाली, सुन्दर, धनी, सौभाग्यवती, सन्तान एवं पति से युक्त, सुगृहणी, सत्य बोलने वाली एवं बन्धुओं की प्रिय होती है। समस्त भौतिक सुख साधनों को भोगने वाली एवं यशस्वी होती है।(क्रमशः)
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