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सोमवार, मई 17, 2010

पूजा अवश्य करनी चाहिए -व्रतानन्द शास्त्री



     आप पूजा करते हैं या नहीं। यदि आप पूजा नहीं करते हैं तो करनी चाहिए क्योंकि पूजा से आप दिन भर के लिए स्वयं को प्रभु कृपा से ओतप्रोत करते हैं। इससे आप में नई ऊर्जा और नए विश्वास का संचार होता है।  
     पूजा के लिए आपके पास समय नहीं है तो आप चाहे परम शक्ति का ध्यान दो मिनट करें मन से करें जिससे आप उसकी कृपा से वंचित न रहें। आपको पूजा की इस सरल रीति को अपनाना चाहिए जिसमें अल्प समय लगेगा।
पूजा की सरल विधि 
     आप सर्वप्रथम गुरु को स्मरण कर सकते हैं-ऊँ तस्में श्री गुरुवे नमः। 
     सर्वप्रथम पूज्य देव श्री गणेश जी का स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ श्री गणेशाय नमः।
     जन्म देने वाली माता का स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ श्री मातायै नमः। 
     पिता को स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ श्री पित्रो नमः। 
     आद्य शक्ति माता का स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ आद्य शक्ति माता श्री दुर्गाय नमः। 
     धनदात्री माता को स्मरण कर कह सकते हैं-ऊँ श्री लक्ष्मी सदा सहाय नमः। 
     इसके बाद आप शिव का स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ नमः शिवाय।
     इसके बाद कृष्ण को स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ नमोभगवते वासुदेवाय । 
     राम का स्मरण करते हुए कह सकते हैं-ऊँ श्री रामाय नमः। 
    अन्‍त में क्षमा याचना करते हुए कह सकते हैं-हे प्रभु मुझसे जो गलती हो गई हो क्षमा करना। प्रभु तेरा ही सहारा है, तू ही पालन हार है। तुझ बिन कुछ नहीं है इस जगत्‌ में। 
      उक्त मात्र से आप स्वयं में एक नई शक्ति का संचार अनुभव करेंगे और दिन भर के लिए स्वयं को निष्कंटक रहित बना सकेंगे क्योंकि आप परमशक्ति का आशीष जो प्राप्त कर चुके होंगे।

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