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रविवार, मई 09, 2010

दुर्भाग्यनाशक अनुभूत टोटका



    कभी-कभी न चाहते हुए भी जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। भाग्य साथ ही नहीं देता है, बल्कि दुर्भाग्य निरन्तर पीछा करता रहता है। दुर्भाग्य से बचने के लिए या दुर्भाग्य नाश के लिए यहां एक अनुभूत टोटका बता रहे हैं। इसका बिना शंका के मन से पूर्ण आस्था के साथ करने से दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य वृद्धि होती है। फलतः सुख-समृद्धि एवं उन्नति प्राप्त होती है। 
टोटका इस प्रकार है-
   सूर्योदय के उपरान्त और सूर्यास्त से पूर्व इस टोटके को करना है। 
एक रोटी ले लें। 
    इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार वार लें। प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें। मन्त्र इस प्रकार है-
ऊँ दुभाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नमः।   
  
    बाद में रोटी को कुत्‍ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें।
    इस प्रयोग से आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताकर लाभ पहुंचाएं।
    बिना शंका के इस प्रयोग को मन से करने से शीघ्र लाभ होता है।

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