नए रूप रंग के साथ अपने प्रिय ब्‍लॉग पर आप सबका हार्दिक स्‍वागत है !

ताज़ा प्रविष्ठियां

संकल्प एवं स्वागत्

ज्योतिष निकेतन संदेश ब्लॉग जीवन को सार्थक बनाने हेतु आपके लिए समर्पित हैं। आप इसके पाठक हैं, इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे। हमें विश्‍वास है कि आप सब ज्योतिष, हस्तरेखा, अंक ज्योतिष, वास्तु, अध्यात्म सन्देश, योग, तंत्र, राशिफल, स्वास्थ चर्चा, भाषा ज्ञान, पूजा, व्रत-पर्व विवेचन, बोधकथा, मनन सूत्र, वेद गंगाजल, अनुभूत ज्ञान सूत्र, कार्टून और बहुत कुछ सार्थक ज्ञान को पाने के लिए इस ब्‍लॉग पर आते हैं। ज्ञान ही सच्चा मित्र है और कठिन परिस्थितियों में से बाहर निकाल लेने में समर्थ है। अत: निरन्‍तर ब्‍लॉग पर आईए और अपनी टिप्‍पणी दीजिए। आपकी टिप्‍पणी ही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है।

मंगलवार, मई 11, 2010

वर चतुर्थी एवं विष्णु सप्तमी व्रत-व्रतानन्द शास्त्री



इस लेख में वर चतुर्थी एवं विष्णु सप्तमी व्रत की चर्चा करेंगे।
वर चतुर्थी व्रत
स्कन्द पुराणानुसार यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी से प्रारम्भ होकर चार वर्ष में पूर्ण होता है। 
इसमें प्रथम वर्ष में दिनार्ध में एक बार बिना नमक का भोजन, दूसरे वर्ष में रात्रि भोजन, तीसरे में अयाचित भोजन और चौथे वर्ष में उपवास रखकर समाप्ति के उपरान्त भोजन करें। 
यह व्रत अर्थसिद्धि देने वाला है।
व्रत में भोजन 32 या 29 ग्रास का करना चाहिए। 
यहां एक ग्रास आंवले के बराबर माना गया है। 
न्यून भोजन करने वालों को 3ग्रास का भोजन करना चाहिए।
विष्णु सप्तमी व्रत
विष्णु सप्तमी मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी को करना चाहिए।
लाल रंग के चन्दन और पुष्पों से भगवान्‌ विष्णु का पूजन करना चाहिए।
बाद में बाटी का नैवेद्य अर्पण कर व्रत करना चाहिए।
इसके तीन वर्ष तक तीन व्रत रखने से अभीष्ट की सिद्धि प्राप्त होती है।
   वर चतुर्थी व्रत आर्थिक तंगी को दूर करता है जबकि विष्णु सप्तमी भी अभीष्ट सिद्धि व सम्पन्नता लाता है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्‍पणी देकर अपने विचारों को अभिव्‍यक्‍त करें।

पत्राचार पाठ्यक्रम

ज्योतिष का पत्राचार पाठ्यक्रम

भारतीय ज्योतिष के एक वर्षीय पत्राचार पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर ज्योतिष सीखिए। आवेदन-पत्र एवं विस्तृत विवरणिका के लिए रु.50/- का मनीऑर्डर अपने पूर्ण नाम व पते के साथ भेजकर मंगा सकते हैं। सम्पर्कः डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' ज्योतिष निकेतन 1065/2, शास्त्री नगर, मेरठ-250 005
मोबाईल-09719103988, 01212765639, 01214050465 E-mail-jyotishniketan@gmail.com

पुराने अंक

ज्योतिष निकेतन सन्देश
(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक)
स्टॉक में रहने तक मासिक पत्रिका के 15 वर्ष के पुराने अंक 3600 पृष्ठ, सजिल्द, गूढ़ ज्ञान से परिपूर्ण और संग्रहणीय हैं। 15 पुस्तकें पत्र लिखकर मंगा सकते हैं। आप रू.3900/-( डॉकखर्च सहित ) का ड्राफ्‌ट या मनीऑर्डर डॉ.उमेश पुरी के नाम से बनवाकर ज्‍योतिष निकेतन, 1065, सेक्‍टर 2, शास्‍त्री नगर, मेरठ-250005 के पते पर भेजें अथवा उपर्युक्त राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट नं. 32227703588 डॉ. उमेश पुरी के नाम में जमा करा सकते हैं। पुस्तकें रजिस्टर्ड पार्सल से भेज दी जाएंगी। किसी अन्य जानकारी के लिए नीचे लिखे फोन नं. पर संपर्क करें।
ज्‍योतिष निकेतन, मेरठ
0121-2765639, 4050465 मोबाईल: 09719103988

विज्ञापन