स्वास्थ्य चर्चा
दूषित पानी करे बीमार
लेखक : डॉ. राजीव गुप्ता, एम.बी.बी.एस, एम.डी.
दूषित पानी रोगों का निमन्त्रण
यदि पीने का पानी दूषित हो तो कई रोग हो सकते हैं। ये रोग गंदे पानी में रहने वाले जीवाणुओं के कारण होते हैं। दूषित पानी से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है जिसके कारण हैजा, टाइफाइड, पेचिश एवं वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कॉलरा, टायफाइड व पीलिया जैसी खतरनाक रोग हो सकते हैं। ये रोग दूषित पानी, हाथ मिलाने, गले लगने, एक दूसरे का रूमाल उपयोग में लाने व एक साथ खाना खाने से फैलती हैं। आईफ्लू व नेत्र आना जैसे रोग भी हो जाते हैं।
ऐसे में क्या करें?
दूषित पानी कदापि न पीएं। पानी उबाल कर या फिल्टर पानी ही पीएं। प्रत्येक दिन आठ से दस गिलास तक पानी पीना चाहिए। शरीर में पर्याप्त पानी होने से थकान का अनुभव नहीं रहता है और पर्याप्त ऊर्जा रहती है। पानी पीने से शरीर में फाइबर की मात्रा भी पर्याप्त मात्रा में रहती है और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है अर्थात् रोग होने का खतरा कम होता है।
उचित मात्रा में पानी पीने से अनावश्यक चर्बी जमा नहीं होती है। एलर्जी होने की आशंका कम हो जाती है। फेफड़े में संक्रमण, अस्थमा और आंत की बीमारियां नहीं होती हैं। पथरी होने का खतरा भी नहीं रहता है। पर्याप्त पानी पीने वाले अक्सर सर्दी, जुकाम जैसे रोगों से भी बचे रहते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को बार-बार उल्टी व दस्त हो रहे हों तो हो सकता है कि इसका कारण पिया गया प्रदूषित पानी भी हो सकता है।
ऐसे में शरीर में दुर्बलता आ जाती है। पीड़ित को ओआरएस का घोल देना चाहिए। अपने चिकित्सक से तुरन्त सलाह लेनी चाहिएं। वरना डीहाइड्रेशन व पेटदर्द की भी शिकायत हो सकती है।
कई बार त्वचा संबंधी रोग का कारण भी पानी हो सकता है। यदि आप चाहते हैं कि दूषित पानी के कारण आपका परिवार बीमार न पड़े तो आपको चाहिए कि घर में पानी उबाल कर पीएं या पानी की गुणवता के लिए वाटर फिल्टर लगाएं। बाजार में कई सस्ते वाटर फिल्टर उपलब्ध हैं।
खाना खाने से पूर्व हाथ अवश्य धोने चाहिएं। खाने-पीने के बर्तनों की सफाई नियमित करनी चाहिए। रखे हुए साफ बर्तनों पर भी बैक्टीरिया का हमला हो सकता है, इसलिए उसमें कुछ खाने से पूर्व उसे भली प्रकार धो लें। घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें। खुला रखा पानी बिना उबाले न पीएं।
पानी को जितना साफ एवं स्वच्छ रखेंगे और उबाल कर पीएंगे तो पानी के कारण कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। कहते हैं पानी ही जीवन है पर यदि पानी ही दूषित होगा तो पानी जीवन नहीं रोग का कारण बन जाएगा और मृत्यु तुल्य कष्ट तक हो सकता है। पानी की गुणवत्ता पर ध्यान दें और अनेक रोगों को पास फटकने ही न दें।
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