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बुधवार, मई 19, 2010

हाथ से कार्यक्षमता और प्रतिभा -बाबा ज्ञानदेव तपस्वी



हाथ से आप अपनी प्रतिभा और कार्यक्षमता का अनुमान लगा सकते हैं। कार्यक्षमता और प्रतिभा हो तो कुछ भी कर पाना सम्भव है। प्रतिभा और कार्य क्षमता से धन और यश दोनों अर्जित कर सकते हैं। आईए कुछ योगों को जाने जिसके आधार पर आप अपनी प्रतिभा और कार्यक्षमता का आकलन कर सकते हैं। ये योग इस प्रकार हैं-
1. मणिबंध का पहला वलय जंजीरदार हो तो जीवन में कठोर परिश्रम और सावधानी बर्तनी पड़ती है। लेकिन अन्ततः सफलता प्राप्त होती है।
2. यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से उदय होकर शनि पर्वत की ओर वृत्ताकार रूप में जाए तो जीवन में परिश्रम अधिक करना पड़ता है। सश्रम सफलता मिलती है।
3. गहरी हथेली तथा मुडी उंगलियों के साथ सूर्य रेखा हो तो जातक प्रतिभा का दुरुपयोग करता है।
4. हल्के से रंग की सूर्य रेखा कलात्मक प्रतिभा के साथ-साथ कार्यान्वित करने की अपर्याप्त शक्ति प्रदान करती है। इसके द्वारा जातक अपनी प्रतिभा का भरपूर लाभ उठा सकता है। इससे यश और धन की प्राप्ति होती है।
5. सूर्य रेखा दोनों हाथों में स्पष्ट हो तथा साथ में सूर्य पर्वत पर एक तारे का निशान हो तो जातक निज प्रतिभा के द्वारा ख्याति और धनलाभ पाता है।
6. सूर्य रेखा स्पष्ट हो परन्तु साथ में दो लहरदार अनियमित रेखाएं सूर्य पर्वत पर हों तो जातक पथभ्रष्ट होकर अपयश और हानि का भागी बनता है।
7. दूसरी उंगली पर त्रिकोण तन्त्र में रुचि देता है और इस प्रतिभा से जातक को धन एवं यश की प्राप्ति होती है।
8. अन्तः प्रेरणा-रेखा का उदय द्वीप के साथ हो तो जातक में अन्तःदृष्टि की प्रतिभा होती है जिसके बल पर उसे यश मिलता है और जीवन में अनेक सुख-साधनों की प्राप्ति होती है।
9. अत्यन्त विकसित सूर्य पर्वत हो तो जातक की प्रतिभा प्रखर होती है और इसके बल पर उसे सभी भौतिक सुख-साधनों के साथ-साथ यश प्राप्त होता है।
10. दोनों हाथों में अच्छी सूर्य रेखा के साथ-साथ सूर्य पर्वत पर एक गहरी स्पष्ट रेखा हो तो जातक अपनी प्रतिभा के बल पर अत्यन्त यश और बहुत धन अर्जित करता है।
11. सूर्य पर्वत पर दो लहरदार विषम रेखायें हों तथा सूर्य रेखा भी स्पष्ट हो तो जातक प्रतिभा का भरपूर लाभ नहीं उठा पाता है क्योंकि वह पथभ्रष्ट हो जाता है। इस कारण वह हानि और अपयश का भागी बनता है।
12. मस्तिष्क रेखा के अन्त में बुध पर्वत पर जाती हुई रेखा हो तो जातक में नकल उतारने की प्रतिभा होती है। वह अपनी इस प्रतिभा से यश और धन अर्जित कर लेता है।
13. नर्म जोड़ हों तथा छोटा अंगूठा हो तो साथ में चन्द्र पर्वत पर जाली हो तो जातक में काव्य प्रतिभा होती है। वह अपनी इस प्रतिभा के बल पर यश और मान-सम्मान के साथ-साथ धन अर्जित करता है।
14. अनामिका उंगली का अग्रभाग चपटा हो और अच्छा सूर्य  पर्वत हो एवं भाग्य रेखा से एक शाखा बुध पर्वत की ओर जाए तो जातक में नाटकीय प्रतिभा होती है। वह अपनी इस प्रतिभा के बल पर यश, नाम और धन को अर्जित करता है।
15. अत्यन्त स्पष्ट और सीधी मस्तक रेखा साथ में निकृष्ट हृदय रेखा और पतली अंगुली जो अन्य अंगुलियों से अधिक लम्बी हो तो जातक आर्थिक सलाहकार होता है और इसके बल पर अत्यन्त धनी एवं यश अर्जित करता है।
16. तीसरी अंगुली लम्बे पर्व के साथ हो तो जातक में कला की प्रतिभा तथा सामान्य बुद्धि का मिश्रण होता है। इस प्रतिभा के बल पर वह यश व धन अर्जित करता है। 
17. चौथी अंगुल कनिष्ठका का दूसरा पर्व लम्बा हो तो जातक में व्यापारिक बुद्धि होती है और अपने श्रम के बल पर निज बुद्धि से व्यापार से धन एवं यश कमाकर भौतिक सुख-साधनों का भोक्ता बनता है। 
18. सूर्य पर्वत पर दो रेखायें बहुमुखी प्रतिभा देती है परन्तु सफलता साधारण मिलती है।
19. सूर्य पर्वत पर सूर्य रेखा के साथ ही एक नक्षत्रा हो तो वह अपने परिश्रम से धन, यश एवं सुख का भोक्ता बनता है।
20. सूर्य पर्वत, शुक्र का निशान हो तो जातक प्रतिभा के दुरुपयोग से अपयश का भागी बनता है। 

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