भविष्य जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति में होती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' द्वारा रचित ज्ञानेश्वर राशिफल 2025 नामक इस पुस्तक से आप अपनी राशि में छिपी सम्भावनाओं को जान सकेंगे। आप अपने प्रचलित नाम की राशि, जन्म राशि, जन्म दिनांक के अनुसार राशि के अनुसार पढ़ सकते हैं। इस राशिफल से आप अपनी राशि के बारे में विस्तार से जान सकेंगे और सन् 2025 के पूर्ण वर्ष का दैनिक राशिफल जानकर अपने भाग्यशाली समय का लाभ उठा सकते हैं। अपनी बाधाओं को दूर करने के लिए आप इसमें प्रत्येक राशि के लिए लालकिताब के उपाय दिए गए हैं जो आप कर सकते हैं। शनि की साढ़े साती का विशेष विचार दिया गया है। अंको से वर्षफल जानने का तरीका भी बताया गया है। पुस्तक खरीदकर पढ़े और जीवन को उन्नतिशील, सुख व समृद्धि से भरपूर बनाएं। पुस्तक खरीदने के लिए नीचे लिखे लिंक पर जाएं-
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श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी तांका छन्द में भगवान् का गीत अध्याय-सोलह-दैवासुर संपद् विभाग योग भाग-सोलह
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह में गीता के अध्याय सोलह 'दैवासुर संपद् विभाग योग' के 24 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी तांका छन्द में भगवान् का गीत अध्याय-सतरह-श्रद्धात्रय विभाग योग भाग-सतरह
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सतरह में गीता के अध्याय सतरह 'श्रद्धात्रय विभाग योग' के 28 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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