आपके हाथों में डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' रचित 'सफलता की चाबी' नामक पुस्तक है। यह मात्र पुस्तक नहीं है। यह तो जीवन के अनुभवों से प्राप्त 155 सफलता सूत्रों का कोष है। इस कोष में जो सफलता सूत्रों का जो ज्ञान छिपा है वो आपको प्रेरित करके आपकी सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जीवन से प्राप्त 155 अनुभूत सफलता सूत्रों के सार-तत्व को समझकर उस पर मनन-चिन्तन के उपरान्त अपने जीवन में अपनाएंगे तो एक नई दिशा पाकर सफलता के शीर्ष पर पहुंच जाएंगे। यह परम सत्य है कि सफलता सूत्रों को अपनाकर और उसे व्यवहार में लाकर जो अपने वर्तमान को सार्थक कर लेता है वो अवश्य सफलता की सीढि़यां चढ़ता जाता है। आईए अब एक-एक करके 155 सफलता सूत्रो को व्यवहार में लाकर सफलता को अपना बनाएं। इस पुस्तक को पढ़कर अवश्य लाभ उठाएं। इस पुस्तक से स्वयं के साथ-साथ अपने मित्रों व परिचितों को भी लाभ पहुंचाएं। एक बार अवश्य पढ़ें। पुस्तक क्रय करके पढ़ने के लिए नीचे लिखे लिंक पर जाएं-
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मंगलवार, अप्रैल 08, 2025
सोमवार, सितंबर 09, 2024
ज्ञानेश्वर राशिफल 2025
भविष्य जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति में होती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' द्वारा रचित ज्ञानेश्वर राशिफल 2025 नामक इस पुस्तक से आप अपनी राशि में छिपी सम्भावनाओं को जान सकेंगे। आप अपने प्रचलित नाम की राशि, जन्म राशि, जन्म दिनांक के अनुसार राशि के अनुसार पढ़ सकते हैं। इस राशिफल से आप अपनी राशि के बारे में विस्तार से जान सकेंगे और सन् 2025 के पूर्ण वर्ष का दैनिक राशिफल जानकर अपने भाग्यशाली समय का लाभ उठा सकते हैं। अपनी बाधाओं को दूर करने के लिए आप इसमें प्रत्येक राशि के लिए लालकिताब के उपाय दिए गए हैं जो आप कर सकते हैं। शनि की साढ़े साती का विशेष विचार दिया गया है। अंको से वर्षफल जानने का तरीका भी बताया गया है। पुस्तक खरीदकर पढ़े और जीवन को उन्नतिशील, सुख व समृद्धि से भरपूर बनाएं। पुस्तक खरीदने के लिए नीचे लिखे लिंक पर जाएं-
बुधवार, नवंबर 08, 2023
श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी तांका छन्द में भगवान् का गीत अध्याय-सोलह-दैवासुर संपद् विभाग योग भाग-सोलह
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह में गीता के अध्याय सोलह 'दैवासुर संपद् विभाग योग' के 24 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-