आज शुक्रवार है और प्रत्येक शुक्रवार को कहानी या कविता की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में जापानी लघु गीत तांका नामक एक लघु गीत दु:ख-मुक्ति शीर्षक के अन्तर्गत दे रहे हैं। तांका में ५,७,५,७,७ के क्रम में कुल इकतीस अक्ष्ार की पांच पक्तियों होती हैं। आपको यह लघुगीत तांका कैसा लगा कमन्ट बॉक्स में टिप्पणी देकर अवश्य बताएं। धन्यवाद।
दु:ख-मुक्ति
दु:ख इतने
साथ क्यों रहते
खुद को नहीं
सबको बदलते
तभी साथ पलते
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