प्रायः लोग कॅम्प्यूटर के कारण भी स्वास्थ्य खराब कर बैठते हैं। वैसे भी आजकल कॅम्प्यूटर पर 8-12 घंटे तक लोग काम करने लगे हैं, कोई-कोई तो इससे भी अधिक देर तक कॅम्प्यूटर पर काम करता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए कॅम्प्यूटर पर काम करते समय निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखें-
1. कॅम्प्यूटर या लैपटॉप पर कार्य करते समय आपके हाथों को आराम नहीं मिल पाता है। अधिक टाइपिंग के कारण मीडिएन नर्व में रेपिटेटिव स्टे्रस इंजरी हो जाती है जिससे कॉरपल टनल सिंड्रम हो सकता है। टाईप करते समय आपके हाथों की स्थिति ठीक होनी चाहिए। अंगुलियों से कोहनी तक एक सीध में होनी चाहिए। कलाई किनारे की ओर नहीं मुड़नी चाहिए।
2. स्क्रीन से अल्पतम 18 इंच एवं अधिकतम 30 इंच तक की दूरी होनी चाहिए। यदि इस दूरी से अक्षर नहीं दिखाई देते हों तो टैक्स का साइज बढ़ा सकते हैं। मॉनिटर पर एंटी गलेयर प्रोटक्टर लगा सकते हैं।
3. कॅम्प्यूटर विजन सिंड्रोम से बचने के लिए आपको 20-20 का नियम अपनाना चाहिए। प्रत्येक बीस मिनट के बाद ब्रेक लेकर अपने से बीस फीट दूर की किसी वस्तु को देखें। इसके अलावा ब्रेक के दौरान पलकों को झपकाते रहें।
4. अधिक देर कॅम्प्यूटर पर कार्य करते समय आंखों में जलन होने लगती है। आंखों में आंसू सूख जाते हैं। सके लिए आप आर्टिफिशियल टियर्स या किसी लुब्रिकेंट आईड्रॉप का प्रयोग प्रतिदिन कर सकते हैं।
5. आपकी स्क्रीन का एंगल आपके लाइन ऑफ विजन से 90 डिग्री का होना चाहिए। लैपटॉप को लैपटॉप स्टैंड पर ही रखना चाहिए।
6. गलत मुद्रा के कारण गले में दर्द जैसी परेशानी आती है। अधिकतर कोहनी हवा में रहती है जिससे कंधे और गले की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं। इस कारण सर्विकल स्पॉन्डलाइटिस हो सकता है। कई लोग लैपटाप बैग एक कंधे पर टांगते हैं जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है और गर्दन, कंधे और लोअर, अपर बैक की मांसपेशियां दर्द करने लगती हैं। दिन में प्रतिदिन कंधे का व्यायाम अवश्य करें। कॅम्प्यूटर पर कार्य करते समय बीच में ब्रेक लेकर आकाश में देखें और आराम करें।
उक्त बातों का ध्यान रखेंगे तो आप को कॅम्प्यूटर के कारण स्वास्थ्य में परेशानी नहीं महसूस होगी। स्वास्थ्य हेतु नियमित व्यायाम तो करना ही चाहिए।
1. कॅम्प्यूटर या लैपटॉप पर कार्य करते समय आपके हाथों को आराम नहीं मिल पाता है। अधिक टाइपिंग के कारण मीडिएन नर्व में रेपिटेटिव स्टे्रस इंजरी हो जाती है जिससे कॉरपल टनल सिंड्रम हो सकता है। टाईप करते समय आपके हाथों की स्थिति ठीक होनी चाहिए। अंगुलियों से कोहनी तक एक सीध में होनी चाहिए। कलाई किनारे की ओर नहीं मुड़नी चाहिए।
2. स्क्रीन से अल्पतम 18 इंच एवं अधिकतम 30 इंच तक की दूरी होनी चाहिए। यदि इस दूरी से अक्षर नहीं दिखाई देते हों तो टैक्स का साइज बढ़ा सकते हैं। मॉनिटर पर एंटी गलेयर प्रोटक्टर लगा सकते हैं।
3. कॅम्प्यूटर विजन सिंड्रोम से बचने के लिए आपको 20-20 का नियम अपनाना चाहिए। प्रत्येक बीस मिनट के बाद ब्रेक लेकर अपने से बीस फीट दूर की किसी वस्तु को देखें। इसके अलावा ब्रेक के दौरान पलकों को झपकाते रहें।
4. अधिक देर कॅम्प्यूटर पर कार्य करते समय आंखों में जलन होने लगती है। आंखों में आंसू सूख जाते हैं। सके लिए आप आर्टिफिशियल टियर्स या किसी लुब्रिकेंट आईड्रॉप का प्रयोग प्रतिदिन कर सकते हैं।
5. आपकी स्क्रीन का एंगल आपके लाइन ऑफ विजन से 90 डिग्री का होना चाहिए। लैपटॉप को लैपटॉप स्टैंड पर ही रखना चाहिए।
6. गलत मुद्रा के कारण गले में दर्द जैसी परेशानी आती है। अधिकतर कोहनी हवा में रहती है जिससे कंधे और गले की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं। इस कारण सर्विकल स्पॉन्डलाइटिस हो सकता है। कई लोग लैपटाप बैग एक कंधे पर टांगते हैं जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है और गर्दन, कंधे और लोअर, अपर बैक की मांसपेशियां दर्द करने लगती हैं। दिन में प्रतिदिन कंधे का व्यायाम अवश्य करें। कॅम्प्यूटर पर कार्य करते समय बीच में ब्रेक लेकर आकाश में देखें और आराम करें।
उक्त बातों का ध्यान रखेंगे तो आप को कॅम्प्यूटर के कारण स्वास्थ्य में परेशानी नहीं महसूस होगी। स्वास्थ्य हेतु नियमित व्यायाम तो करना ही चाहिए।
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